गलतियां बाबर की थीं, जुम्मन का घर फिर क्यों जले
हिंदू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िए
अपनी कुरसी के लिए जज्बात को मत छेड़िए
हममें कोई हूण, कोई शक, कोई मंगोल है
दफ्न है जो बात, अब उस बात को मत छेड़िए
गलतियां बाबर की थीं, जुम्मन का घर फिर क्यों जले
ऐसे नाजुक वक्त में हालात को मत छेड़िए
हैं कहां हिटलर, हलाकू, जार या चंगेज खां
मिट गये सब, कौम की औकात को मत छेड़िए
छेड़िए इक जंग, मिल-जुल कर गरीबी के खिलाफ
दोस्त, मेरे मजहबी नग्मात को मत छेड़िए
गलतियां बाबर की थीं, जुम्मन का घर फिर क्यों जले
-अदम गोंडवी
सोमवार, 19 दिसंबर 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
क्या डेटा कोटा के विभाजन को उचित ठहराता है?
क्या डेटा कोटा के विभाजन को उचित ठहराता है ? हाल ही में हुई बहसों में सवाल उठाया गया है कि क्या अनुसूचित जाति के उपसमूहों में सकारात्म...
-
गुरु रविदास जन्मस्थान सीर गोवर्धनपुर बनारस मुक्ति संग्राम - एस आर दारापुरी, आईपीएस (से. नि.) सभी लोग जानते ह...
-
डॉ. आंबेडकर और जाति की राजनीति -एस. आर. दारापुरी , राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट डॉ. आंबेडकर दलित राजनीति के जनक म...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें