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संत रैदास का बेगमपुरा : पहली व्याख्या
संत रैदास का बेगमपुरा : पहली व्याख्या ( कँवल भारती) भारत की अवैदिक और भौतिकवादी चिन्तनधारा मूल रूप से समतावादी रही है। इसी को चन्द...
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मैं चाहता हूँ कि मनुस्मृति लागू होनी चाहिए ( कँवल भारती) मैंने अख़बार में पढ़ा था कि गत दिनों बनारस में कुछ दलित छात्रों ने म...
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डॉ. आंबेडकर और जाति की राजनीति -एस. आर. दारापुरी , राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट डॉ. आंबेडकर दलित राजनीति के जनक म...
माननिये मुख्यमंत्री जी आप सअनुरोध हैं कि सर्वप्रथम आप अपने राज्य में कहार जाति को जनजाति का प्रमाण पत्र जारी
जवाब देंहटाएंकराएं, पता नहीं कितने ऐसे जनजाति के लोग फसें हुए हैं जो कि मजबूरी में उन्हें सामान्य बर्ग में रहकर सभी प्रकार कि कठिनाईओं
का सामना करना पड़ रहा हैं और वो लोग सामान्य वर्ग में रहकर सभी प्रकार कि कठिनाईओं का सामना कर रहे हैं क्यों कि आपके प्रद्सेह में उन्हें
जनजाति का होने के पश्चात सर्टिफिकेटे जारी नहीं कि जा रही हैं.....
कृपया जल्द ही कुछ करें !! हम सदैव आपके आभारी रहेंगे,..
brijesh gaur
पिछड़े वर्ग को यह बतीये कि उनके कह म् कितना % की भागीदारी होना चाहिये आरक्षण कहना गलत है आरक्षण कहने पर हीनता की बोध होता है इसलिये पिछड़े वरिग को अपनी हर जगह बराबर की हिस्सा मिलना चाहिये जे उच्च वर्ग के लोगों ने कब्जी कर लिया है क्या आपके पिछण् वर्ग मे पढ़े लिखे लोग नही है
जवाब देंहटाएंपिछड़े वर्ग को यह बतीये कि उनके कह म् कितना % की भागीदारी होना चाहिये आरक्षण कहना गलत है आरक्षण कहने पर हीनता की बोध होता है इसलिये पिछड़े वरिग को अपनी हर जगह बराबर की हिस्सा मिलना चाहिये जे उच्च वर्ग के लोगों ने कब्जी कर लिया है क्या आपके पिछण् वर्ग मे पढ़े लिखे लोग नही है
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