शुक्रवार, 10 मई 2013

कौन कहता है कि आजादी के बाद हमारे देश में छुआछूत कम हुयी है?एस.आर.दारापुरी



कौन कहता है कि आजादी के बाद हमारे देश में छुआछूत कम हुयी है?
एस.आर.दारापुरी
अपने सेवा काल के दौरान 1982 में मैं Senior Officers Course के लिए हैदराबाद मे राष्ट्रीय पुलिस अकादमी गया हुआ था. उस दौरान हम लोग Rural Development पर जानकारी के लिए स्थानीय National Institute of Rural Development भी गए थे. वहां पर प्रो. माथुर ने मुझे एक बड़ी दिलचस्प बात बताई. उन्होंने मुझे बताया कि वह भी कोलंबिया विश्वविद्यालय, जिस में डॉ. आंबेडकर पढ़े थे. में ही पढ़े थे. एक बार दिल्ली में उस विश्वविद्यालय के छात्रों ने Alumni Meet के मौके पर रात्रि भोज का आयोजन किया था जिस में वह डॉ. आंबेडकर की बगल में बैठे थे. बातचीत के दौरान डॉ. अम्बेडकर ने उनसे कहा, “ मिस्टर माथुर  क्या आप जानते हैं कि इस समय मैं कानून मंत्री हूँ परन्तु मेरे साथी मंत्रियों की नज़र में मेरा सामाजिक दर्जा क्या है? मेरे साथी मंत्री जब किसी सामाजिक अवसर पर मुझे अपने घर पर बुलाते हैं तो मैं उनके यहाँ जाकर खा पी लेता हूँ. परन्तु जब कभी मैं  उन्हें अपने घर बुलाता हूँ तो उन में से अधिकतर मेरे घर आते तो हैं परन्तु कुछ भी  खाते पीते नहीं और बहाना बना देते हैं कि आज मेरा व्रत है. ऐसा इस लिए है क्योंकि मैं उनकी नज़रों में अछूत हूँ.’
अगर डॉ. आंबेडकर के साथी मंत्री उनके साथ छुआछूत कर सकते थे तो फिर आम दलित के साथ क्या हो सकता है?   

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